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हिंदी न्यूज़ देशRepublic Day Highlights: जमीन से आसमान तक बस भारत ही भारत, कर्तव्य पथ पर शान से मना गणतंत्र दिवस
समारोह के गवाह करोड़ों भारतीय बने। इस दौरान कर्तव्यपथ पर मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोग मौजूद रहे।
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 26 Jan 2023 01:17 PM
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74वें गणतंत्र दिवस का जश्न देशभर में जारी है। राजधानी दिल्ली में भी कर्तव्य पथ पर भारत ने दुनिया के सामने अपनी सांस्कृतिक विरासत और सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया। एक ओर जहां अलग-अलग राज्य और क्षेत्रों की झांकियों ने देश की जड़ों से रूबरू कराया। वहीं, सैनिकों के कदमताल ने भारत की आधुनिक और ताकतवर छवि पेश की।
इस भव्य समारोह के गवाह करोड़ों भारतीय बने। इस दौरान कर्तव्यपथ पर मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोग मौजूद रहे। शानदार परेड की शुरुआत 21 बंदूकों की सलामी से हुई। हालांकि, भारतीय वायुसेना के एयर शो के दौरान कोहरे ने कुछ खलल डाला, लेकिन आसमान में वीरों और जमीन पर देश का उत्साह बरकरार रहा।
आसमान में रोमांच से परेड का समापन
परेड का सबसे रोमांचक आयोजन फ्लाय पास्ट रहा। जहां भारतीय वायुसेना के 45 विमानों ने आसमान में शौर्य का प्रदर्शन किया। इस दौरान नौसेना का एक विमान और थल सेना का चार हेलीकॉप्टर भी शामिल रहे। कर्तव्य पथ पर राफेल, मिग-29, एसयू-30, एसयू030 एमकेएल जगुआर, सी-130, सी-17, डॉर्नियर, डकोटा, एलसीएच प्रचंड, अपाचे, सारंग ने आकाश में हुंकार भरी।
झांकियों ने मन मोहा
परेड के दौरान कुल 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इनमें 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश और 6 अलग-अलग मंत्रालयों से थीं।
आंध्र प्रदेश- प्रभाला तीर्थम – मकर संक्रांति के दौरान किसानों का त्योहार
असम- नायकों और अध्यात्मवाद की भूमि
लद्दाख- लद्दाख का पर्यटन और समग्र संस्कृति
उत्तराखंड- मानसखंड
त्रिपुरा- महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ त्रिपुरा में पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से सतत आजीविका
गुजरात- स्वच्छ हरित ऊर्जा कुशल गुजरात
झारखंड- बाबा बैद्यनाथ धाम
अरुणाचल प्रदेश- अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं
जम्मू-कश्मीर- नया जम्मू कश्मीर
केरल- नारी शक्ति
पश्चिम बंगाल- कोलकाता में दुर्गा पूजा: यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का वर्णन
महाराष्ट्र- साढ़े तीन शक्तिपीठे और नारी शक्ति
तमिलनाडु- महिला सशक्तिकरण और तमिलनाडु की संस्कृति
कर्नाटक- नारी शक्ति महोत्सव
हरियाणा- अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
दादरा नगर हवेली और दमण तथा दीव- जनजातीय संस्कृति और विरासत का संरक्षण
उत्तर प्रदेश- अयोध्या दीपोत्सव
मंत्रालयों की झांकियां
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (भारतीय परिषद कृषि अनुसंधान)- अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष: 2023 – भारत की पहल
जनजातीय कार्य मंत्रालय- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस)
गृह मंत्रालय (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो)- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो: संकल्प @ 75 – नशा मुक्त भारत
गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल)- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में नारी शक्ति
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग)- जैव विविधता संरक्षण
संस्कृति मंत्रालय- शक्ति रूपेणसंस्थिता
लद्दाख की झांकी में इस केंद्रशासित प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के मनोरम दृष्य और जीवंत संस्कृति की झलक देखने को मिली। लेह और करगिल के कलाकारों की मंडली भी दिखी जो इस झांकी में चार चांद लगाने वाली थी। कर्तव्य पथ पर निकाली गई इस झांकी में सातवीं सदी की गांधार कला आधारित पत्थरों से तराशी गई बुद्ध प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया गया। करगिल की इन प्रतिमाओं की तरह दुनिया में सिर्फ तीन प्रतिमाएं हैं और इन्हें बामियान की बुद्ध प्रतिमा की श्रेणी का माना जाता है। बामियान की बुद्ध प्रतिमा को अफगानिस्तान के तालिबान शासन में ध्वस्त कर दिया गया था।
संस्कृति मंत्रालय की झांकी में नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया और इसका मुख्य विषय ‘शक्ति रूपेण संस्थिता’ रखा गया। संस्कृति मंत्रालय की झांकी में विभिन्न कला एवं नृत्य माध्यमों से ‘देवी’ स्वरूप का प्रदर्शन किया गया। झांकी में नृत्य के माध्यम से नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया जिसमें 326 महिला एवं 153 पुरूष कलाकारों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी में गुरुवार को देश से चीतों के विलुप्त होने के 70 साल बाद भारत में उन्हें फिर से बसाये जाने सहित जैव विविधता संरक्षण को दर्शाया गया। झांकी में राईल द्वीप कछुआ, मधु मक्खियों, तितलियों, काली क्रेन, लाल गिलहरी, हॉर्नबिल और लेडीबग्स सहित विलुप्त होने के खतरे का सामना करने वाली प्रजातियों को दर्शाया गया। झांकी के आखिरी हिस्से के शीर्ष में एक कैटरपिलर (इल्ली) दिखाया गया।
उत्तराखंड की झांकी में वन्यजीवन और धार्मिक स्थलों को प्रदर्शित किया। उत्तराखंड की झांकी में जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान को दर्शाया गया जिसमें हिरण, राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित कई तरह के पशु पक्षी विचरण करते नजर आए। उत्तराखंड की झांकी में जागेश्वर धाम को भी दर्शाया गया। यह अल्मोड़ा जिले में 125 छोटे बड़े प्राचीन मंदिरों का समूह है।
महाभारत के युद्ध के समय भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश और उनका ‘विराट स्वरूप’ परेड में हरियाणा द्वारा निकाली गई झांकी के केंद्रबिंदु रहे। हरियाणा की झांकी में महाभारत काल की झलक देखने को मिली जिसमें रथ पर सवार अर्जुन को भगवान कृष्ण गीता का उपदेश दे रहे हैं। आगे भगवान कृष्ण का विराट स्वरूप नजर आ रहा है जो पौराणिक गाथाओं के अनुसार, उन्होंने अर्जुन को दिखाया था।
असम की झांकी में अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फूकन, प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर सहित राज्य की अन्य सांस्कृतिक धरोहरों का प्रदर्शन किया गया। बोड़फुकन पूर्ववर्ती आहोम साम्राज्य के सेनापति थे जिन्होंने 1671 के सरायघाट युद्ध में मुगल सेना के असम पर कब्जा करने के प्रयास को विफल कर दिया था। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष बोड़फुकन की 400वीं जयंती मनायी थी। गणतंत्र दिवस पर असम की झांकी में बोड़फुकन, शक्ति पीठों में शामिल कामाख्या मंदिर एवं राज्य की अन्य सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया।
सैन्य क्षमता का प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान देश के वीर जवान आधुनिक हथियारों और सैन्य उपकरणों के साथ कर्तव्य पथ पर उतरे। इस दौरान भारतीय सेना, दिग्गजों की झांकी, नौसेना की टुकड़ी, वायुसेना की टुकड़ी, DRDO की झांकी और उपकरण, भारतीय तटरक्षकों की टुकड़ी, सीएपीएफ और दिल्ली पुलिस की टुकड़ी, एनसीसी की टुकड़ी, नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस) कर्तव्य पथ पर नजर आईं।
इनके अलावा वंदे मातरम 2.0. वीर गाथा 2.0, भारत पर्व, ड्रोन शो का भी आयोजन हुआ। साथ ही 33 डेयर डेविल्स ने 9 मोटरसाइकिलों पर ‘मानव पिरामिड’ बनाया।